What Does Shodashi Mean?

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दिव्यौघैर्मनुजौघ-सिद्ध-निवहैः सारूप्य-मुक्तिं गतैः ।

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥३॥

Though the particular intention or significance of the variation may possibly vary based on own or cultural interpretations, it could possibly commonly be comprehended as an extended invocation with the combined Electricity of Lalita Tripurasundari.

कन्दर्पे शान्तदर्पे त्रिनयननयनज्योतिषा देववृन्दैः

पद्मालयां पद्महस्तां पद्मसम्भवसेविताम् ।

यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने वाली है।

Devotees of Tripura Sundari interact in several rituals and tactics to express their devotion and look for her blessings.

She is depicted by using a golden hue, embodying the radiance on the growing Sunlight, and is commonly portrayed with a third eye, indicating her wisdom and Perception.

Devotees of Shodashi engage in many spiritual disciplines that purpose to harmonize the mind and senses, aligning them Together with the divine consciousness. The next points outline the development in the direction of Moksha through devotion to Shodashi:

As a result, the Shodashi mantra is chanted for making one way more eye-catching and hypnotic check here in life. This mantra can adjust your daily life in times as this is a very impressive mantra. One particular who's got mastered this mantra gets to be like God Indra in his lifetime.

Philosophically, she symbolizes the spiritual journey from ignorance to enlightenment and is particularly affiliated with the supreme cosmic ability.

यस्याः शक्तिप्ररोहादविरलममृतं विन्दते योगिवृन्दं

इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।

स्थेमानं प्रापयन्ती निजगुणविभवैः सर्वथा व्याप्य विश्वम् ।

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